काजी तौकीर / नमो नमो विन्ध्येश्वरी, नमो नमो जगदम्ब । सन्तजनों के काज में करती नहीं विलम्ब ।। जय जय जय विन्ध्याचल रानी । जो नर धरै मातु कर ध्याना । ताकर सदा होय कल्याना ।।